कोलेस्ट्रॉल कैसे पैरों को नुकसान पहुंचाता है? जानें बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कारण पैरों में दिखने वाले संकेत

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर सबसे पहले आपकी धमनियां प्रभावित होती हैं। कोलेस्ट्रॉल जमा होकर धमनियों को ब्लॉक कर देता है, जिससे रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है या रुक जाता है। रक्त प्रवाह रुकने के कारण व्यक्ति के हृदय को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और उसे हार्ट अटैक हो सकता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हमेशा वही धमनी ब्लॉक हो, जो हृदय तक ऑक्सीजन पहुंचाती है। कई बार बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल पैर की धमनियों में भी जमा हो जाता है और कई तरह की परेशानियों का कारण बनता है। पैरों में जमा कोलेस्ट्रॉल के कारण आपको निम्न परेशानियां हो सकती हैं-


पैरों में दर्द


अगर आपको अक्सर पैरों में दर्द रहता है, तो इसका कारण पैरों की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल हो सकता है। आमतौर पर ऐसा दर्द तब होता है, जब आप किसी शारीरिक गतिविधि में लगे रहते हैं, जैसे- पैदल चलने, दौड़ने, सीढ़ियां चढ़ने, खेलने आदि के दौरान। कुछ लोगों को कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण पैरों में जलन और चिलकन की समस्या भी होती है। इसलिए इन लक्षणों को सामान्य समझकर लंबे समय तक नजरअंदाज न करें।


त्वचा के रंग में बदलाव


चूंकि कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण पैरों की धमनियों में ऑक्सीजनयुक्त खून की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पाती है, इसलिए कई बार खून और ऑक्सीजन की कमी से आपके पैरों की त्वचा का रंग बदला हुआ दिख सकता है। आमतौर पर खून कम पहुंचने से त्वचा पर पीलापन दिखता है और नसें नीली या बैंगनी रंग की दिखाई देने लगती हैं। ज्यादातर लोगों में अंगूठे से जमे हुए कोलेस्ट्रॉल का पता लगाया जा सकता है- देर तक बैठने के बाद अंगूठा पीला दिखे, तो समझ लें कि आपको डॉक्टर से मिलकर जांच कराने की जरूरत है।


ठंडे पैर


कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण पैरों की त्वचा के रंग में ही नहीं, बल्कि आपके पैर के हिस्से के तापमान में भी बदलाव आ सकता है। ऐसी समस्या में अक्सर व्यक्ति को अपने पैर शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा ज्यादा ठंडे लगेंगे। दरअसल रक्त के लगातार प्रवाह के कारण ही शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है। अगर शरीर के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति कम हो जाए, तो उसका तापमान भी घट जाएगा। इसलिए ठंडे पैर महसूस हों, तो सावधान हो जाएं और जांच कराएं।


नाखून के रंग और मोटाई में बदलाव


ना-खून का अर्थ भले ही हम यह निकालें कि इनमें खून नहीं होता है। मगर नाखूनों के स्वस्थ रहने के लिए खून की आपूर्ति बहुत जरूरी है। अगर पैर के हिस्से में सही ब्लड सप्लाई नहीं होगी, तो इसका असर आपके पैर के नाखूनों पर भी पड़ेगा। आमतौर पर खून कम पहुंचने के कारण नखूनों का रंग पीला या नीला पड़ने लगता है। इसके अलावा कुछ लोगों में यह भी देखने को मिलता है कि उनके नाखूनों का विकास धीरे होने लगता है, जिससे पहले की अपेक्षा नाखून धीरे-धीरे बढ़ते हैं। कई बार नाखून मोटे भी हो जाते हैं और ऐसे दिखाई देते हैं, जैसे फंगल इंफेक्शन हो गया हो।


पैरों में छाले


पैरों में खराब ब्लड सर्कुलेशन के कारण आपके पैरों में घाव या छाले जैसे उभार भी दिख सकते हैं। हालांकि पैरों में छालों की समस्या डायबिटीज रोगियों को भी होती है, मगर डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल के छालों में ये अंतर है कि डायबिटीज के छाले दर्द नहीं देते हैं, जबकि कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाले छालों में आपको दर्द का भी अनुभव होता है।